तुम
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Photo Credit :- Pradyumn Paliwal(प्रद्युम्न पालिवाल) |
एक शाम जब मंदिर के पार्क वाली मुँडेर पर बैठकर एक नयी किताब की तरह मुझ से मिली थीं तुम, तब मैंने ये जाना था कि किताब में मौजूद अध्याय (chapter) के अंदर कई नाकारात्मक अनुच्छेद (negative paragraph) भी पाए जाते हैं।
मैं पहली बार किसी ऐसी किताब को पढ़ने की कोशिश कर रहा था और किताब मुझे ख़ुद कुछ वाक्य पढ़ा रही थी। इतने लगाव के साथ निराशा से भरे शब्दों को सुनना कैसे मुमकिन है, आज मैं हैरान हूँ ये सोचकर। हर एक शब्द को सांत्वना देता हुआ मैं आगे बढ़ गया, और वो किताब उस दिन से मुझे प्रिय हो गयी।
किताब के प्रिय होने का कारण सिर्फ इतना था कि मैंने उसे पढ़ते वक्त महसूस कर लिया था और महसूस की हुई कोई भी चीज़ आपके हृदय के बहुत करीब होती है!!
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Photo Credit :- Pradyumn Paliwal(प्रद्युम्न पालिवाल) |
मैं रोज़ उस शाम का, उस वक्त का इंतज़ार करता था कि अचानक मैंने पाया कि ये शाम आज भी वही है, वक्त कहीं नहीं गया, किताब आज भी मेरे पास है और पहले से ज़्यादा प्रिय भी बस मैं ही उसे पढ़ नहीं पा रहा।
तुम्हें न पढ़ पाने का कारण ये तो नहीं हो सकता है कि मुझमें अब इतनी निराशा को सहन करने की शक्ति नहीं है या ये भी नहीं कि तुम ख़ुद नहीं चाहतीं कि मैं पढ़ूँ वो पन्ने जो तुम्हारा फाड़ कर फेंक देने का मन करता है।
मुझे लगता है अब मैं पढ़कर तुम्हारे वाक्य, शब्दों को सांत्वना नहीं दूँगा बल्कि कर दूँगा बगावत , कहानी के हर उस किरदार के ख़िलाफ़ जो करता है ज्यादती और घटिया किस्म की ओछी हरकतें तुम्हारी कहानी में।
और फिर,
प्रिय होते हुए भी मैं तुम्हें नहीं पढ़ पाउँगा क्योंकि तुम्हें बगावत नहीं शाँति प्रिय है!!
-प्रद्युम्न पालीवाल
बेहतरीन।
ReplyDeleteLajawab
ReplyDeleteGr8
ReplyDeleteaaaha...
ReplyDeletePalliwa sahab bhut hi ummda achha laga bhut padhke tumhe bagawat nhi shanti priya hai👌👌👌
ReplyDeleteSundar... deep...balanced
ReplyDelete❤️❤️💓💓 सुंदर
ReplyDeleteWaah.. Nice👌
ReplyDelete💖💖
ReplyDeleteजीवन मे कभी कभी कुछ पल आते है जिसको शब्दो मे बयान नही किया जा सकता है लेकिन अबकी कलम ने वो कमाल कर दिया है ।शब्दों के अर्थ की गहराई और आपकी उन शब्दों से निकटता को मैं सूक्ष्म रूप से महसूस कर पा रहा हूं । उत्तम कृति ❣️❤️❤️
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा! आप सदा इसी तरह आगे बढ़ते रहे और लिखते रहे प्रद्युम्न भैया! आपकी रचनाएं हमेशा हमे इसी तरह लुभाती रहे!
ReplyDelete🧡🧡
ReplyDeleteYou are just wow❤️❤️
ReplyDeleteGod bless you pradyumn��
Waah
ReplyDeleteKya baat hai ❤️
Bht pyara janab❤️🔥
ReplyDeleteBahut hi behtarin.....
ReplyDeleteOsmmm...👌
ReplyDelete❤❤
ReplyDeleteBohot badiya bhaiya🙏👌
ReplyDeleteUmda likha h dost. Zindabad....
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